मुख़्तसर रहा था मेरा! कुछ नहीं था पर सब था मेरे, पास जब तू हमसफ़र रहा था मेरा! हाँ कहानी में तू नहीं रहा बाकी मगर क्यूँ हर किस्से में ज़िक्र रहा था तेरा? अब जाना है क़ायदा तन्हा ज़िंदगी का कैफ़ियत से भरा सफ़र रहा था मेरा! नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳