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हवन करने के लाभ हवन करने में मुख्यत: आम की लकड़ीयो

हवन करने के लाभ
हवन करने में मुख्यत: आम की लकड़ीयों का प्रयोग
होता है। जो जलने पर फॉर्मिक एरिव्हाइट गैस उत्पन्न
करती है जो वातावरण में उपस्थित बैक्टिरिया को
नष्ट करती हैं व वायु को शुद्ध बनाती है।
टौटीक नामक वैज्ञानिक के अनुसार हवन में आहुति
देने वाले व्यक्ति के शरीर में यज्ञ से उत्पन्न गैस शरीर
के भीतर प्रवेश करती है, जो टाइफाईड फैलाने वाले
जानलेवा विषाणुओं को खत्म करती है।
हवन करके स्वस्थ
और निरोगी जीवन
तो मिलता है, साथ-
-साथ धार्मिक आस्था
को भी मिला है।
हवन के धुएँ के संपर्क में रहने से व्यक्ति के मतिष्क,
फेफड़ों और श्वास संबंधी समस्याएं भी नष्ट हो
जाती है, जिसकी मदद से श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से
कार्य करने लगता है।
यदि किसी व्यक्ति की राशि में ग्रहों की चाल खराब
हो तो ऐसे लोगों को हवन करना चाहिए, हवन की
मदद से कुंडली दोष का भी निवारण किया जाता है।
हवन में मंत्रोच्चार से घर में उपस्थित नकरात्मक उर्जा
भी घर से बाहर हो जाती है।
हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री (आम की
की तकड़ी, देशी घी, तिल, जौ, शहद, कपूर, अगर
नगर, गुग्गुल, लौंग, अक्षत, नारियल, शक्कर,
और अन्य निर्धारित आहूतियाँ भी वनस्पतियां ही
होती है। ये वनस्पतियां सुक्ष्म से सुक्ष्म विषाणुओं
का नाश करने के काम करती है।
यसको
हवन के धुएँ और
अग्नि के ताप से
शरीर की थकान और
मन की अशांति भी
दूर हो जाती है
स्त्री रोग, वात, पित्त, लंबे समय से आ रहे बुखार हेतु
+ बेल, श्योगक, अदरक, जायफल, निर्गुण्डी, कटेरी,
गिलोय, इलायची, शर्करा, यह, शहद, सेमल, शीशम
से बनी हवन सामग्री का उपयोग करते हैं।
पुरुषों को पुष्ट वसिष्ठ करने और पुरुष रोगों हेतु सफेद
चंदन का चूरा, अगर नगर, अश्वगंधा, पलाश, कपूर,
मख्खाने, गुग्गुल, दालचीनी, तालीसपत्र, लौंग,
गोला से बनी हवन सामग्री का उपयोग करते है।

©KhaultiSyahi #story #havan why should we perform it ! 💯 posted again with
better background #again #Life #nowruz #celebration 🎊🍾🎉#truth poojanvidhi #khaultisyahi #Parsi
हवन करने के लाभ
हवन करने में मुख्यत: आम की लकड़ीयों का प्रयोग
होता है। जो जलने पर फॉर्मिक एरिव्हाइट गैस उत्पन्न
करती है जो वातावरण में उपस्थित बैक्टिरिया को
नष्ट करती हैं व वायु को शुद्ध बनाती है।
टौटीक नामक वैज्ञानिक के अनुसार हवन में आहुति
देने वाले व्यक्ति के शरीर में यज्ञ से उत्पन्न गैस शरीर
के भीतर प्रवेश करती है, जो टाइफाईड फैलाने वाले
जानलेवा विषाणुओं को खत्म करती है।
हवन करके स्वस्थ
और निरोगी जीवन
तो मिलता है, साथ-
-साथ धार्मिक आस्था
को भी मिला है।
हवन के धुएँ के संपर्क में रहने से व्यक्ति के मतिष्क,
फेफड़ों और श्वास संबंधी समस्याएं भी नष्ट हो
जाती है, जिसकी मदद से श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से
कार्य करने लगता है।
यदि किसी व्यक्ति की राशि में ग्रहों की चाल खराब
हो तो ऐसे लोगों को हवन करना चाहिए, हवन की
मदद से कुंडली दोष का भी निवारण किया जाता है।
हवन में मंत्रोच्चार से घर में उपस्थित नकरात्मक उर्जा
भी घर से बाहर हो जाती है।
हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री (आम की
की तकड़ी, देशी घी, तिल, जौ, शहद, कपूर, अगर
नगर, गुग्गुल, लौंग, अक्षत, नारियल, शक्कर,
और अन्य निर्धारित आहूतियाँ भी वनस्पतियां ही
होती है। ये वनस्पतियां सुक्ष्म से सुक्ष्म विषाणुओं
का नाश करने के काम करती है।
यसको
हवन के धुएँ और
अग्नि के ताप से
शरीर की थकान और
मन की अशांति भी
दूर हो जाती है
स्त्री रोग, वात, पित्त, लंबे समय से आ रहे बुखार हेतु
+ बेल, श्योगक, अदरक, जायफल, निर्गुण्डी, कटेरी,
गिलोय, इलायची, शर्करा, यह, शहद, सेमल, शीशम
से बनी हवन सामग्री का उपयोग करते हैं।
पुरुषों को पुष्ट वसिष्ठ करने और पुरुष रोगों हेतु सफेद
चंदन का चूरा, अगर नगर, अश्वगंधा, पलाश, कपूर,
मख्खाने, गुग्गुल, दालचीनी, तालीसपत्र, लौंग,
गोला से बनी हवन सामग्री का उपयोग करते है।

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sallyraand9713

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