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धुएँ सी उड़ चली है जिंदगी दो कश फूँक के मुँह से लग

धुएँ सी उड़ चली है जिंदगी 
दो कश फूँक के मुँह से लगा लो 
हर खुशी हानिकारक है बेहद हो तो 
यूँ गम से भी थोड़ा वास्ता बना लो #आज_का_ज्ञान 

प्रकृति हर मोड़ पर एक शिक्षक की तरह पेश आती है । जब जब हम मनुष्यता की हद पार करते हैं , खुद को उससे दूर लिए जाते हैं , उसकी शालीनता और सहनशक्ति का फायदा उठाते हैं , उसके विश्वास के साथ छेड़ छाड़ करते हैं , उसे मजबूरन अपना विकराल रूप दिखाना पड़ता है , वापस राह पर लाने के लिए उसे हमें ना चाहते हुए भी सजा सुनानी पड़ती है । प्रकृति माँ है और माँ कभी अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहेगी । निश्चित ही उसके ऐसे रूप की कोई कड़ी वजह रही होगी । 
पिछले दिनों फोनि ने हमारे ओड़िशा में गहरी छाप छोड़ी , मनुष्
धुएँ सी उड़ चली है जिंदगी 
दो कश फूँक के मुँह से लगा लो 
हर खुशी हानिकारक है बेहद हो तो 
यूँ गम से भी थोड़ा वास्ता बना लो #आज_का_ज्ञान 

प्रकृति हर मोड़ पर एक शिक्षक की तरह पेश आती है । जब जब हम मनुष्यता की हद पार करते हैं , खुद को उससे दूर लिए जाते हैं , उसकी शालीनता और सहनशक्ति का फायदा उठाते हैं , उसके विश्वास के साथ छेड़ छाड़ करते हैं , उसे मजबूरन अपना विकराल रूप दिखाना पड़ता है , वापस राह पर लाने के लिए उसे हमें ना चाहते हुए भी सजा सुनानी पड़ती है । प्रकृति माँ है और माँ कभी अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहेगी । निश्चित ही उसके ऐसे रूप की कोई कड़ी वजह रही होगी । 
पिछले दिनों फोनि ने हमारे ओड़िशा में गहरी छाप छोड़ी , मनुष्
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