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पत्थर को छैनी से मैंने मूरत बनते देखा है, उसी पत्

 पत्थर को छैनी से मैंने मूरत बनते देखा है,
उसी पत्थर को  छैनी से पल में बिखरते देखा है,
जरा संभल कर गढ़ना, कुछ पत्थर नहीं, हैं मोम यहाँ,
जरा सी ताप से, मैंने मोम पिघलते देखा है

----अंकित शुक्ला✍️😢 #गढ़ना
 पत्थर को छैनी से मैंने मूरत बनते देखा है,
उसी पत्थर को  छैनी से पल में बिखरते देखा है,
जरा संभल कर गढ़ना, कुछ पत्थर नहीं, हैं मोम यहाँ,
जरा सी ताप से, मैंने मोम पिघलते देखा है

----अंकित शुक्ला✍️😢 #गढ़ना
ankitshukla6381

Ankit Shukla

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