Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो कब्र पे मेरी दो अश्क ही बहा देते, कसम खुदा की ह

वो कब्र पे मेरी दो अश्क ही बहा देते,
कसम खुदा की हमें फिर गिला नहीं होता।
कुछ और उनकी भी मजबूरियां रही होंगी,
यूँ ही तो कोई सनम बेवफा नहीं होता।
वो इस तरह से भुलाते ही क्यों हमें जाफर,
ख़राब गर ये मुक़द्दर मेरा नहीं होता।

©Manisha Mahi Jha
  #shayari_dil_se #दर्द #हिंदी_शायरी #manisha_mahi