माना की सरपरस्त हूँ मैं मादरे वतन का सारी वफा है मेरी -मेरे देश के लिये ताे भी अक्सर सूनी राताें में दाे जाेड़ी अँखियाें की बेहद याद सताने लगी बाट जाेहती है मेरा वाे हर तीज- त्याेहार पर याद कर उनकी व्याकुल पीड़ा हमें भी बेतहाशा घर की याद आने लगी..... रचना विषय 22 - 'घर की याद आने लगी' 8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें। विशेष:- आवश्यक नियम पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़ें। 🌠 आप सभी की रचनाओं को उचित स्थान दिलाने के लिए हमारी टीम निरंतर प्रयास कर रही है । अब आप सभी लोग हमारे विषय तथा उस दिन की उत्कृष्ठ रचना को इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज तथा ट्विटर जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राप्त कर सकते हैं साथ ही आप सभी कोई भी शिकायत या सुझाव निःसंकोच भेज सकते हैं। लिंक प्रोफ़ाइल पर दी गयी है। #tmkosh #yqbaba #yqdidi #tmkosh