रूठा है रब, रूठे हैं शब्द,, हमसे खुश कोई रहता नहीं है,,, हों गम में या खुशियों में,,,, हमसे कोई अपनी खुशी या गम कहता नहीं है!! कितना रोया जाय, और किस किस के लिए रोया जाय,, पत्थर से हो गए हैं आंख,,, आंखों से अश्रु अब बहता नहीं है!! जो हर परिस्थिति में होते थे साथ पहले, अब कोई कहने को भी साथ रहता नहीं है!! ©पूर्वार्थ #You&Me #नोजितोहिंदी