हे आजाद भारत.. अब तेरी बेटियां आजाद होनी चाहिये.. अधरो में दबी मौनता अब जोर जोर से टूटनी चाहिये. हर हृदय से इंसाफ कि आवाज पुरजोर उठनी चाहिये.. बेटियों पर क्रूरता अब यहीं रूकनी चाहिये.. और जुल्म की आंखें बस अब झुकनी चाहिये.. जिस योनि ने जीवन दिया, जिन स्तनों ने पोषण उनकी कदर तुमको होनी चाहिये.. जिन कायरो ने छुआ तन को, नामर्दो ने साथ दिया उनकी हस्ती मिटनी चाहिये.. हे आजाद भारत.. अब तेरी बेटियां आजाद होनी चाहिये.. ©Rajendra Jakhad #मणिपुर#बेटियां #इंसाफ