इश्क तो हो ही गया फिर छुपाना क्यूूूं है! परिंदों को हवाओं से अब बचाना क्यूूूं है! ज़िंदगी तो छोटी बहुत हैं जानते हैं सब! फ़िजूल की बातों में वक्त गँवाना क्यूूूं है! जब भी वक्त मिले आ जाया करो मिलने! दिल के अरमां को दिल में दबाना क्यूूूं है! क्या गलत है सही क्या है ये सब रहने दो! दिल की बातों में ये दिमाग लगाना क्यूूूं है! क़ाफ़िले गुज़रे हुए बहुत वक्त हुआ “अनूप” अब इन राहों पे चराग़ों को जलाना क्यूँ है! #emptiness #anoops #LafzDilSe