"बरखा बादल संवाद" बादल ने बरखा को कान में बात बताई, लज्जा की लाली संग बरखा रानी शरमाई। हवाओं ने पूछा, अरे क्या क्या बात हुई.. बरखा रानी के मुख पर मुस्कान चढ़ आई। धीरे से बादल चले तो बरखा घबराई, लज्जा की लाली संग बरखा ने ली अंगड़ाई। डालियों ने पूछा, अरे क्या क्या बात हुई.. बरखा रानी के तन में घुली तरुनाई। बादल जो गरजे तो बरखा थरथराई, लज्जा की लाली संग अब बरखा झरझाराईं। बरखा बादल बोले अब प्रेम बरसायेंगे.. शजर, सरोवर, सागर ने आस जो लगाई। कवि आनंद दाधीच, बेंगलूरु भारत🇮🇳 ©Anand Dadhich #rain #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoems #poetsof2023 #poetsofindia #baarish