अच्छा तो , अंतिम सांस ,फिर आस, ख़यालो के जज्बात से आया लड़ कर वो। सोच सुकुन, सोच गलत, ताने लोगों के,पढ़ाई के बोझ तले, कई रास्ते जिंदगी के अच्छा तो प्यार में धोखे उसके जाने का ढुख फिर जिंदगी को कोसना खाना पीना छोड़ना फिर क्या......फिर किस्तों में घसीटती मैते, फिर किस्से वादे, मर के भी प्यार करना, साथ ही साथ सुनी पड़ी सुकुन व नींद, तड़पती दिन रैन,और फिर बस फिक्री (अवसाद) - याद आए मा की आंचल उनके हाथों का स्वाद , पिता के उंगली कन्धों के जज्बात उनकी यादों की ममता कुछ तो है खास अब बस ( अवसाद) तेरी क्या औकात #depression