बंधन तोड़ दे चाहे दिल मेरा, मुझे कोई शिकवा नही है। हो जाये गर तू बेवफा, मुझे कोई गिला नही है।। तेरी इन नादानियों पर भी, मुझे सिर्फ प्यार ही आता है। क्योकि यह बन्धन है जन्मो का पगली, कोई दो दिन का सिलसिला नही है।। मुकेश के दर्द (गुर्जर श्री) #बन्धन#