जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को। मेरी ये ख़्वाब सजाओगी।। तुम छोड़ के तब वो गुस्सा अपना , क्या मुझसे मिलने आओगी।। Love never die a natural death जब रुक रुक के तेरी याद आये। जब तन्हा मेरा दिल घबराए।। जब हिचकी वंहा पे तुझको आये। ओर यहां पे मेरा दिल घबराए।। तरस्ती मेरी निगाहे को जब। तुझसे मिलने को दिल चाहे।। तब भूल के सारी बातो को।