Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ कुछ चल 1 वक़्त ने भी दिया है कुछ कुछ चल बिना

कुछ कुछ चल 1

वक़्त ने भी दिया है कुछ कुछ 
चल बिना पीठ के मत रेंग 
चल ले चाल हिरण की ही 
इस ज़िन्दगी में भी कितनी ही
योनियों से जीवित ही 
अब गुज़र जा 
पहले पीठ पर सख्ती का 
आँचल में छुपा हुआ 
माता के आँचल में 
फिर रेंग बिना मजबूत पीठ की 
फिर वक़्त ने तरस खा दिया 
हिरण की कोमल पीठ थमा  
अब तू शेर का भाजन 
न बनने को 
hittika #nojotohindi #hindipoetry 1st part
कुछ कुछ चल 1

वक़्त ने भी दिया है कुछ कुछ 
चल बिना पीठ के मत रेंग 
चल ले चाल हिरण की ही 
इस ज़िन्दगी में भी कितनी ही
योनियों से जीवित ही 
अब गुज़र जा 
पहले पीठ पर सख्ती का 
आँचल में छुपा हुआ 
माता के आँचल में 
फिर रेंग बिना मजबूत पीठ की 
फिर वक़्त ने तरस खा दिया 
हिरण की कोमल पीठ थमा  
अब तू शेर का भाजन 
न बनने को 
hittika #nojotohindi #hindipoetry 1st part
hittikakhanna8394

no writings

New Creator