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कही खलिश सी थी जब थामा था दर्द के साथ क़लम को...

कही खलिश सी थी 
जब थामा था 
दर्द के साथ क़लम को...
जब घंटों में शब्दों को लिखती और मिटाती थी
जब ख़्यालों को पकाके कुछ बना देती थी
हाँ मेरी लेखनी में 
बस गमों का ही बयां होता था...
मेरा हाथ कब और कहाँ 
कहीं भी रूका होता था...
दो साल से ये सिलसिला 
यूँ ही चलता जा रहा है
मुझे लिखनें को हजारों हौसलों का
साथ मिलता जा रहा है...
हाँ , थी मैं तब अकेली 
आज बहुत कुछ कमाया है
मेरे आंसुओं को मैंने 
ख़ुद के दम पे मिटाया है मेरे लेखन की कमियों को दूर करनें उन सभी लोगों को प्रणाम है जिन्होंनें इस जिंदगी को जीने का एक नया सलीका सिखाया है....दो साल कब और कैसे बीते पता ही ना चला❤❤❤
प्रियंका दीदू,रमन भाई,शिवेंद्र,अनिल भईया,शुभांग,छोटे,विकास,तनवी,अंश,शुभी,अवस्थी जी, अभिषेक शुक्ला जी,कौशल जी,विवियन भईया,कार्तिक, प्रवीण,अविनाश जी, दिव्या, और भी बहुत से लोग हैं जिनका साथ मेरे लिए बहुत मायनें रखता है ❤❤😍😍🙌🙌🙏🙏🙏🙏

#दोसालबेमिसाल #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #love #happiness #नफ्स़
कही खलिश सी थी 
जब थामा था 
दर्द के साथ क़लम को...
जब घंटों में शब्दों को लिखती और मिटाती थी
जब ख़्यालों को पकाके कुछ बना देती थी
हाँ मेरी लेखनी में 
बस गमों का ही बयां होता था...
मेरा हाथ कब और कहाँ 
कहीं भी रूका होता था...
दो साल से ये सिलसिला 
यूँ ही चलता जा रहा है
मुझे लिखनें को हजारों हौसलों का
साथ मिलता जा रहा है...
हाँ , थी मैं तब अकेली 
आज बहुत कुछ कमाया है
मेरे आंसुओं को मैंने 
ख़ुद के दम पे मिटाया है मेरे लेखन की कमियों को दूर करनें उन सभी लोगों को प्रणाम है जिन्होंनें इस जिंदगी को जीने का एक नया सलीका सिखाया है....दो साल कब और कैसे बीते पता ही ना चला❤❤❤
प्रियंका दीदू,रमन भाई,शिवेंद्र,अनिल भईया,शुभांग,छोटे,विकास,तनवी,अंश,शुभी,अवस्थी जी, अभिषेक शुक्ला जी,कौशल जी,विवियन भईया,कार्तिक, प्रवीण,अविनाश जी, दिव्या, और भी बहुत से लोग हैं जिनका साथ मेरे लिए बहुत मायनें रखता है ❤❤😍😍🙌🙌🙏🙏🙏🙏

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