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इश्क करके भी जीना नहीं आया, तुम झुठे हो झुठे हो

इश्क करके भी जीना नहीं आया, 
तुम झुठे हो 

झुठे हो तुम 
धूप में खडे होकर भी 
कहते हो 
पसीना नहीं आया
इश्क करके भी जीना नहीं आया, 
तुम झुठे हो 

झुठे हो तुम 
धूप में खडे होकर भी 
कहते हो 
पसीना नहीं आया