अब तुम प्रहार करो, सीधे सीधे वॉर करो। न कतराओ न झिझको, ख़ंजर दिल के पार करो। न रुको तुम न झुको तुम, रणचंडी सा संहार करो। युद्ध जो बलिदान मांगे, शीश भी अपना दान करो। स्वेद रक्त से सींचो वसुधा, ऐसे भारतवर्ष का नाम करो। तुम भी हो भारत की संतान, नित इसका गुणगान करो। लहू से सनी है आजादी, इसका सैदव तुम भान करो। फहराये शान से तिरंगा, यहीं प्रयत्न सुबह शाम करो। #प्रहार