कभी सर कटे तो कभी सर काटे., खून की एक एक बूंद में लेकर तिरंगा वो जिये..! क्या मे ईस लायक हूँ??? मैने उठाया फोन wp, fb, insta डाला post सोचा हो गई देशभक्ति पर उस माँ का क्या जिसने अपनी कोख उजडती है देखी.., क्या मे ईस लायक हूँ??? वो मरे हमारी रक्षा मे, कभी बर्फ के नीचे दबे तो कभी रेत को चादर बनाकर ओढ़े क्या में ईस लायक हूँ??? #OpenPoetry #क्या_मे_इस_लायक_हूँ_part-1 #Riyansh_more_2.0