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White रात का तीसरा पहर रात 12 बजे से 3 बजे के बीच

White रात का तीसरा पहर रात 12 बजे से 3 बजे के बीच होता है. इसे निशिथकाल भी कहा जाता है. रात के चार पहर ये हैं: प्रदोष, निशिथ, त्रियामा, उषा. 
 
दिन के चार पहर ये हैं: पूर्वाह्न, मध्याह्न, अपराह्न, सांय काल. 
 
परंपरागत रूप से, दिन और रात को चार-चार पहरों में बांटा जाता था. दिन का पहला पहर सूर्योदय के समय शुरू होता था, और रात का पहला पहर सूर्यास्त के समय. एक दिन में 24 घंटे होते हैं और इसमें आठ पहर होते हैं. इसका मतलब है कि एक पहर औसतन तीन घंटे के बराबर होता है.
रात के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल और प्रथम प्रहर कहते हैं। शाम को 6 बजे से रात को 9 बजे तक का समय रात का प्रथम प्रहर होता है। इस प्रहर में सतोगुण की प्रधानता रहती है। इस प्रहर में किसी भी प्रकार के तामसिक कार्य करना वर्जित है।

©Ram Meena Jii #Shiva रात  शुभ रात्रि सुविचार सुविचार इन हिंदी अच्छे विचारों
White रात का तीसरा पहर रात 12 बजे से 3 बजे के बीच होता है. इसे निशिथकाल भी कहा जाता है. रात के चार पहर ये हैं: प्रदोष, निशिथ, त्रियामा, उषा. 
 
दिन के चार पहर ये हैं: पूर्वाह्न, मध्याह्न, अपराह्न, सांय काल. 
 
परंपरागत रूप से, दिन और रात को चार-चार पहरों में बांटा जाता था. दिन का पहला पहर सूर्योदय के समय शुरू होता था, और रात का पहला पहर सूर्यास्त के समय. एक दिन में 24 घंटे होते हैं और इसमें आठ पहर होते हैं. इसका मतलब है कि एक पहर औसतन तीन घंटे के बराबर होता है.
रात के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल और प्रथम प्रहर कहते हैं। शाम को 6 बजे से रात को 9 बजे तक का समय रात का प्रथम प्रहर होता है। इस प्रहर में सतोगुण की प्रधानता रहती है। इस प्रहर में किसी भी प्रकार के तामसिक कार्य करना वर्जित है।

©Ram Meena Jii #Shiva रात  शुभ रात्रि सुविचार सुविचार इन हिंदी अच्छे विचारों