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“अधूरी आरज़ू” इच्छा थी बस एक अच्छी ड

              “अधूरी आरज़ू”
इच्छा थी बस एक अच्छी डॉक्टर बनने की
बहुत परिश्रम किया था मैंने पर हर बार पांच नंबर से चूक जाती थी।   
       
 पाती थी नंबर हमेशा पूरा वो था विषय सारे थे मेरे फेवरेट चाहे बायोलॉजी हो या केमिस्ट्री
पर अक्सर कम हो जाता था नंबर फिजिक्स में
पापा कहते थे किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में तुम ले लो एडमिशन
मैंने कहा करूंगी तो बस सरकारी कॉलेज वरना ना करूंगी
उसके कुछ दिन बाद मैंने एमएससी बॉटनी लिया एडमिशन
पूरा किया अपनी पढ़ाई कर पीएचडी शोध
तब जाकर पाई डॉक्टर के डिग्री
थोड़ा तो सुकून मिला जिंदगी में डिग्री से लेकिन अभी भी एक कसक चाहत ना पूरा कर पाने की एमबीबीएस ना कर पाने की
              “अधूरी आरज़ू”
इच्छा थी बस एक अच्छी डॉक्टर बनने की
बहुत परिश्रम किया था मैंने पर हर बार पांच नंबर से चूक जाती थी।   
       
 पाती थी नंबर हमेशा पूरा वो था विषय सारे थे मेरे फेवरेट चाहे बायोलॉजी हो या केमिस्ट्री
पर अक्सर कम हो जाता था नंबर फिजिक्स में
पापा कहते थे किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में तुम ले लो एडमिशन
मैंने कहा करूंगी तो बस सरकारी कॉलेज वरना ना करूंगी
उसके कुछ दिन बाद मैंने एमएससी बॉटनी लिया एडमिशन
पूरा किया अपनी पढ़ाई कर पीएचडी शोध
तब जाकर पाई डॉक्टर के डिग्री
थोड़ा तो सुकून मिला जिंदगी में डिग्री से लेकिन अभी भी एक कसक चाहत ना पूरा कर पाने की एमबीबीएस ना कर पाने की