हाथी जैसे चिघाड़ने और भारी-भरकम लोहे के पैरो बीच दब के रह गई पैदल चप्पल साइकिल की आवाज कोलाहल मचा 20 के आकड़ो का 16 वालों का आँकड़ा ख़ामोश देख रहा था सड़कों पर बिखरी सब्जियाँ रास्ते की लंबाई अपनों से मिलन जेब का वज़न कुछ गुमनाम इंतजार में हैं मिले उनको कफ़न ©वरुण " विमला " " मज़दूर " #ग़रीब #मज़दूर #लेबर #आमजनता #सियासत #nojoto #hindi