हास्य जीवन का सबसे ख़ूबसूरत रंग हास्य बिन जीवन में सारे रंग हैं भंग उदासीनता के माहौल में नया रोमांच पैदा कर जाए हास्य कवि स्वयं हँसे और सबको हँसाए बिना हास्य जीवन लगता है अधूरा हास्य की फुहारों संग लगता है सब पूरा एक छोटी सी मुस्कान मुख की गैरों को अपना बना जाती है एक छोटी सी मुस्कान हजारों गलतियाँ भुला जाती हैं खिलखिलाहट है आत्मा की आवाज यूँ उदास रहकर न करो नज़रअंदाज़ ख़ुश रहिए औरों को ख़ुश रखिए दुनिया कितनी ख़ूबसूरत है जनाब कभी हँस कर भी देखिए। #रमज़ान_कोराकाग़ज़ नौवें दिन की रचना