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*जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही

*जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा। पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था।*

*अब पिता की चारपाई गैलरी में आ गई थी।* 
*हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता* 
*अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।* 

*कुछ देर लान में टहलते । लान में खेलते*
*नाती - पोतों से बातें करते ,* 
*हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।* 

*कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें*
*लाने की फरमाईश भी करते ।* 

*खुद खाते , बहू - बटे और बच्चों को भी खिलाते ....*
*धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था गैलरी 
part 2
*जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा। पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था।*

*अब पिता की चारपाई गैलरी में आ गई थी।* 
*हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता* 
*अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।* 

*कुछ देर लान में टहलते । लान में खेलते*
*नाती - पोतों से बातें करते ,* 
*हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।* 

*कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें*
*लाने की फरमाईश भी करते ।* 

*खुद खाते , बहू - बटे और बच्चों को भी खिलाते ....*
*धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था गैलरी 
part 2