जो नन्हे बच्चे को सही-गलत का अन्तर बतलाए... जो कोमल मन को प्यार से दुलराए... जो हर चीटी को पहाड़ चढ़ना सिखलाए... आसमान मे उडा़न भरने को, जो सीढ़ियां लगाए... वो गुरु है जो ज्वार-भाटों पर भी नाव चलाना सिखलाए... मां के प्यार को सीमित करता उसका दुलार... पिता की मार से भी ज्यादा गहरी उसकी फटकार... वो गुरु है जो प्यार और फटकार मे सामंजस्य बैठाए... कई युद्धों मे देवता जीते,कईयों मे असुर वो गुरु ही है जो शुक्राचार्य बन जब जिस तरफ आए... जीत उसी की हो जाए... जो नन्हे बच्चे को सही गलत का अन्तर बतलाए... #teachersday #guru #5sep