हास्य कविता बिना साली का जीजा, रहता है खीजा खीजा, हंसी ठिठोली का ना मौका, दिल भी धड़कता नीचा नीचा ! बिना साली का जीजा, ससुराल का ना लगाए वीजा, मानों हो गया हो धोखा, रहता है दूर खींचा खींचा ! बिना साली का जीजा, रहता है फीका फीका, ना शौक नव परिधानों का, रहता पुराने सूट में भींचा भींचा ! बिना साली का जीजा, दोस्तों में होता ऊँचा नीचा, अनकहे अनंत अरमानों का, दिल में रखता बनाकर पिजा ! कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich #बिना_साली_का_जीजा #hasyakavita #हास्यकविता #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia