समझदारी ने सारी खुशियां छीन ली यार हम नासमझ ही अच्छे थे हर छोटी छोटी बातों में हम खुशियां ढूंढ लेते थे जब बच्चे थे अब खुशियां ढूंढे से नहीं मिलती हैं अब कहां वो मुस्कान चेहरे पे खिलती है पहले दोस्तों की टोलियां हुआ करती थीं अब सब एक दूसरे को देख जल रहे हैं प्यार किसी के दिल में नहीं मिलता बस नफरत ही पल रहे हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, एक दूसरे के लिए प्यार था सब दिल के सच्चे थे कितना अच्छा था न जब हम बच्चे थे ©Nikhil Kumar #बचपन #bachpan #childhoodmemories #childhood_friendship #बचपन_की_यारी #bachpn_ki_wo_vadiya #बचपन_के_दोस्त