-------------------झूठी तसल्ली----------------- झूठी तसल्ली दिल को दे कर भी क्या होगा जो अपना ही ना हुआ वो तेरा क्या होगा ? मोहब्बत निभाना तो सबके बस की बात नहीं मोहब्बत कर भी ले कोई तो उससे क्या होगा ? टूट कर गिरता है जो तारा तो कहाँ गिरता है चल छोड़ उसे, वो मिल जाए भी तो क्या होगा ? सदियों के सूखे से जमीन पत्थर सी बन गयी अब बदल भी जाए मौसम तो क्या होगा ? मेरे चर्चे हैं तेरे नाम से शहर की हर गली में कहीं और किराए का मकान लेने से क्या होगा ? झूठी तसल्ली दिल को दे कर भी क्या होगा जो अपना ही ना हुआ वो तेरा क्या होगा ? #अमरदीप #Love