हर एक विध्वंस के साथ एक नई शुरुआत होती है।ज्वालामुखी के फटने से सब कुछ नष्ट हो जाता है,पर उसके बाद एक नई उपजाऊ धरती का निमार्ण होता है। जंगल की आग भी सारी वनस्पतियों को जला देती है,पर फिर भी उसकी राख से ,धरती के गर्भ को चीर कर नई पत्तियों का निर्माण होता है। वर्षा उसे सींचती है,और पुनः वनस्पतियों का निमार्ण का होता है। हमारे जीवन मे भी कभी कभी सब कुछ नष्ट हो जाता है,ऐसा हमे प्रतीत होता है। पर अपने अंदर हमे कुछ करने की चाह जीवित रखनी चाहिए, समय आने पर हमारी इच्छाएँ भी हमें चिर कर बाहर निकलेंगी, हमे अपने परिश्रम , संकल्प और संघर्षों से उसे सींचना होगा,फिर हम भी नई सम्भावनाओं का निमार्ण कर सकते हैं। ©durga_bondopadhay #distruction #nojoto