खुद को समेटना मैं चाहूँ ज़माने की बेरुखी देख सिहर गया हूँ खुद को सम्भाल ना सकूँ अब इतना मैं बिखर गया हूँ मैं अब बढ़ ना सकूँ आगे मैं जहाँ था वहीं ठहर गया हूँ #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqquotes#मनकीबातें#ज़िन्दगी#मौसम#अलविदा सावन का आख़िरी बादल...! Collaborating with Rana