ऐ बरसती बूँदो..... बेमौसम तो अक्सर बरसती हो, कुछ ईमान रख, मौसम में भी बरस जाओ। क्या मिलता हैं, इन बादलो में तुम्हें ? बांधे वो बेवजह, उस कैद से छूट आओ।। बहाना न मिला मुझे मुद्दतो से मेहबूब संग कुछ देर और रूक जाने को। दर्द में अश्क अब रूक नहीं पाते, राह देख रहे तुम संग बरस जाने को।। अब तो धूप भी बेकरार हैं, तुम संग मिल जाने को।। बरसते फव्वारों की आस लगाए बैठा मैं, मिट्टी राह तके आंगन महकाने को।। #ऐबरसतीबूँदो #बारिश #बूँद #इंतज़ार #nojoto #मिट्टी #rains