शब्दहीन ह्रदय वार्ता के हैं कई साधन यहाँ । पर न सार्थक हैं एक भी बहाना यहाँ । मौन हैं अधर , झुके हैं नयन , कल्पनाशील हैं बस दो ह्रदय यहाँ । कल्पना के गलीयों में मन विचरता रहा , ठहरे दृगों को ना मिला भाषा यहाँ । अंजुरी में अंजुरी को बाँधे हुए , मौन के पुकार को ह्रदय जीता यहाँ । दो ओर दो ह्रदय हैं एकांत मे , नीरवता के अंकुर मे न कलरव यहाँ । अधरों के कमरे मे कैैद हैं जिह्वा-जुगल , शब्दो के लिए कोई शब्द ही नहीं यहाँ । ------RAG The ghazal of RAG #शब्दहीन ह्रदय #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqghazal #yqhindi #शब्द