#ज़ुल्म_सहते_क्यों_हो? ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो? लड़ने की ताक़त है तुझ में, फिर डरते क्यों हो? तुम्हे मालूम है कमजोरों को कुचल दिया जाता है, फिर तुम, कमज़ोर बनकर रहते हो क्यों ? लड़ो, संघर्ष करो,आगे बढ़ो,पीछे रहते क्यों हो ? ख़ुद पे भरोसा करो, गैरों पे भरोसा करते क्यों हो ? ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो? तुम इंसान हो,फिर इंसानों से इतना डरते हो क्यों ? #ज़ुल्म_सहते_क्यों_हो #ज़ुल्म के #ख़िलाफ़ #आवाज़ उठाओ,चुप रहते क्यों हो? #लड़ने की #ताक़त है तुझ में, फिर डरते क्यों हो? तुम्हे मालूम है #कमजोरों को #कुचल दिया जाता है, फिर तुम, कमज़ोर बनकर रहते हो क्यों ?