चाहतों की किताबों पर दर पे दर पन्ने बढ़ते गए.... ये मुई उम्र भला कब किस के लिए रूकी है.... #चाहत कभी खत्म नहीं होती #उम्र कभी रूकती नहीं... #yourdidiquotes #tulikagarg