सूखी पड़ी थी दिल की ये ज़मीं अरसे से मगर तसव्वुर से तेरे ये फिर से शादाब हो गयी । आगाज़ ए गुफ़्तगू जो चाही तो लफ्ज़ छुप गए हया से कहीं, लिखा जो तुझे तो ये स्याही ख़ुद ब ख़ुद आदाब हो गयी ।। #nojoto #nojotohindi #nojotogujrat #nojotovadodara #nojotoraipur #गुफ़्तगू #आदाब #शादाब #शायरी #