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।।श्री हरिः।। 43 - किसकी वर्षगांठ? कन्हाई आज इतना

।।श्री हरिः।।
43 - किसकी वर्षगांठ?

कन्हाई आज इतना क्यों व्यस्त है, यह बात गोप कुमारों की समझ में नहीं आयी। आज गोचारण से लौटने के पर्याप्त पूर्व से यह गुञ्जा, पिच्छ और पता नहीं क्या-क्या एकत्र करने लगा था। सायंकाल तो गोपकुमार शृंगार करते नहीं। शृंगार तो वन में आते ही हो जाता है। अब घर लौटने पर तो सब शृंगार उतारकर मैया स्नान करवेगी। तब इस सब संग्रह का प्रयोजन?

'तू यह सब इस समय क्यों एकत्र कर रहा है? इसका क्या करेगा?' श्रीदाम ने पूछ लिया।

'करूंगा - मुझे चाहिये!' कन्हाई सीधे उत्तर नहीं देता तो कोई सखा क्यों इससे उलझे? किसी ने भी फिर नहीं पूछा। किसी ने ध्यान भी नहीं दिया कि यह क्या-क्या एकत्र कर रहा है। सब जानते हैं कि ऐसे संग्रह में यह दूसरे की सहायता, दूसरे के दिये पदार्थ स्वीकार नहीं करता।
anilsiwach0057

Anil Siwach

New Creator

।।श्री हरिः।। 43 - किसकी वर्षगांठ? कन्हाई आज इतना क्यों व्यस्त है, यह बात गोप कुमारों की समझ में नहीं आयी। आज गोचारण से लौटने के पर्याप्त पूर्व से यह गुञ्जा, पिच्छ और पता नहीं क्या-क्या एकत्र करने लगा था। सायंकाल तो गोपकुमार शृंगार करते नहीं। शृंगार तो वन में आते ही हो जाता है। अब घर लौटने पर तो सब शृंगार उतारकर मैया स्नान करवेगी। तब इस सब संग्रह का प्रयोजन? 'तू यह सब इस समय क्यों एकत्र कर रहा है? इसका क्या करेगा?' श्रीदाम ने पूछ लिया। 'करूंगा - मुझे चाहिये!' कन्हाई सीधे उत्तर नहीं देता तो कोई सखा क्यों इससे उलझे? किसी ने भी फिर नहीं पूछा। किसी ने ध्यान भी नहीं दिया कि यह क्या-क्या एकत्र कर रहा है। सब जानते हैं कि ऐसे संग्रह में यह दूसरे की सहायता, दूसरे के दिये पदार्थ स्वीकार नहीं करता।

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