अटूट पल भर की ख़ुशी में है सब साथ, ये बात बड़े चुपके के बोलनी पड़ रही है, मोह नहीं किसी इंसान का अब यहां, अंधेरों में जहाँ परछाई साथ छोड़ देती है, वहाँ दीये जलाये सुनसानी से आगे बड़ रहा हूँ... भरे भीड़ में सुनसानी से आगे बड़ रहा हूँ, रात के ख़्वाबों को मन में छुपा के, क्या करे अटूट सा बन गया हूँ टूट टूट के, हाँ ये अपने ही बेरहम लोगों की देन है... चुप हूँ क्योकि थोड़ा परेशान सा हूँ ऐसी ये देन है, कलम को मेने शांत रहने की हिदायत दी है, नासमझ है कही सच ना कह दे, हर चीज को उजागर करने की आदत बड़ी है... #happy #love #life #hardwork #though #sad #experience #sayari #notojatalks #poem Pooja Boombak Shavika Parihar