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अवतरण दिवस पर मैं जिनको करता हूँ प्रणाम, वो हैं ज्

अवतरण दिवस पर मैं जिनको करता हूँ प्रणाम,
वो हैं ज्योतिबा फुले, पिता जिनके गोविंद राम।
धन्य हैं वो माता ,जिनकी देवी..... चिमना बाईं,
पत्नी जिनकी सावित्री बाई, जिन्होंने बेटियां पढ़ाई।

जागरूकता से जिनकी शिक्षा द्वार खुले,
महान शख्स थे वो महात्मा ज्योतिबा फुले।
बहुजन समाज के लिए जलाया शिक्षा दीपक,
साक्षरता के रूप में दलितों में भी गुल खिले।

थे वे एक महान समाज सुधारक,
छुआछूत के थे वे महान उद्धारक।
शिक्षा से ही जिन्होंने अलख जगाई,
विधवा पुनर्विवाह के लिए लड़ी लड़ाई।

फुले ने शिक्षा का एक ऐसा अभियान चलाया,
शूद्रों के लिए नया विद्यालय खुलवाया।
ऊँच-नीच के भेदभाव का कराया खात्मा,
बम्बई में सम्मान मिला कहलाये फिर महात्मा।

बने जो सामाजिक क्रांति के जनक,
देश प्रेमी के साथ वे थे महान जन नायक।
स्वतंत्रता सेनानी रूप में किया बढ़के सहयोग,
जंग जीती आजादी की दूर किया दलित का रोग।
#महात्मा ज्योतिबा फुले

©पूर्वार्थ #महात्मा ज्योतिबा फुले
अवतरण दिवस पर मैं जिनको करता हूँ प्रणाम,
वो हैं ज्योतिबा फुले, पिता जिनके गोविंद राम।
धन्य हैं वो माता ,जिनकी देवी..... चिमना बाईं,
पत्नी जिनकी सावित्री बाई, जिन्होंने बेटियां पढ़ाई।

जागरूकता से जिनकी शिक्षा द्वार खुले,
महान शख्स थे वो महात्मा ज्योतिबा फुले।
बहुजन समाज के लिए जलाया शिक्षा दीपक,
साक्षरता के रूप में दलितों में भी गुल खिले।

थे वे एक महान समाज सुधारक,
छुआछूत के थे वे महान उद्धारक।
शिक्षा से ही जिन्होंने अलख जगाई,
विधवा पुनर्विवाह के लिए लड़ी लड़ाई।

फुले ने शिक्षा का एक ऐसा अभियान चलाया,
शूद्रों के लिए नया विद्यालय खुलवाया।
ऊँच-नीच के भेदभाव का कराया खात्मा,
बम्बई में सम्मान मिला कहलाये फिर महात्मा।

बने जो सामाजिक क्रांति के जनक,
देश प्रेमी के साथ वे थे महान जन नायक।
स्वतंत्रता सेनानी रूप में किया बढ़के सहयोग,
जंग जीती आजादी की दूर किया दलित का रोग।
#महात्मा ज्योतिबा फुले

©पूर्वार्थ #महात्मा ज्योतिबा फुले