कितना दिलकश था उस हँसीन का सूरत-ए-नजराना.. जो निगाहों से होता हुआ दिल मे शामिल हो गया.. चाहता था उसे ताउम्र के लिए हमदम बनाना.. पर वो संगदिल नजरों से ओझल हो गया.. ✍️@ksh.. - क्षितिज "अभिव्यक्ति" #Love #क्षितिजअभिव्यक्ति