धड़कनों को बाँधे, पाट पे बैठा; मैं सहमा सा, रुका; सबको हँसता निहारता । वो क्या जानें, आज से पहले कोई झुलाने वाला नहीं था ।। #आज #YQDidi #CalmKaziWrites #YQBaba धड़कनों को बाँधे, पाट पे बैठा; मैं सहमा सा, रुका; सबको हँसता निहारता; वो क्या जानें, आज से पहले