वो दुनिया की हज़ार दुस्वारिया।। जैसे कमल किचड़ में, वैसे हम भी। रिश्ते अटपटे से, जलन और गंदगी से भरे लोग।। खिलने कहा देंगे, जीने कहा देंगे।। रोक दे ये धूप, पानी और दोस्त।। हम भी रहना सीख लिए, इनको जवाब देना आ गया।। खिल गए, हाँ खुल गए। जी रहे हर पल।। मौत तो सात्विक सत्य है, क्यों न लड़ के हम मरे। क्यों ना मार के हम मरे।। ©0 Support me by reading, liking and sharing. Thank you so much for all kindness you guys show towards me. #Mulaayam #Nojoto #nojotohindi #Satya #Jiwan #Gifts #Life #Maut सनातनी आरती सक्सेना