कभी आसमाँ को पुकारूँ ?? कभी ज़मीं को निहारूँ ?? जीत भी तो कभी मात खाए ?? हर बार ये मैं ही क्यूँ हारूँ ?? चेहरा बिखर चुका है तो क्या हुआ ?? अब तो मैं आईना ही संवारूँ ?? जो मिल जाए ज़िंदगी कहीं पर ?? दो-चार तमाचे इसे खींच कर मारूँ ?? हज़ारों तीर सीने पर ज़माने ने मारे, अब मैं भी ज़माने के मुँह पर शेर फेंक कर मारूँ ?? ©Shaayar_raahi #Zindagi #nakaami #gussa