कठिनतम समय मे निराशा से बचना है तो उस दरवाजे पर ही दस्तक दीजिये जो आपकी तत्कालीन जरुरत को समझता है। सब दरवाजों पर चिंतन के अलग अलग ताले होते है, चाहे वो दरवाजा आपके किसी अपने का क्यों न हो ? ✍️कमल भंसाली निराशा