कुछ कच्ची पक्की यादें हैं, गुज़रे लोगों की, वाक्यों की, वक्त की , ये आज का आज भी कल होगा, आने वाला कल भी आज होगा! आओ गुजारें कुछ इस तरह, की कम से कम याद ही रह जाए, जब हमारा किस्सा भी तमाम होगा। #guzra #waqt #waqya #kissa