Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोचती हूं क्या लिखूं, जीवन के हालात लिखूं या दिखा

सोचती हूं क्या लिखूं, 
जीवन के हालात लिखूं या दिखावे की बात लिखूं।
 सोचती हूं क्या लिखूं,
जीवन की सच्चाई लिखूं या झूठ के पुलिंदे लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं,
सुख़ लिखूं या दुःख लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं,
जीवन के अंधेरे लिखूं या टिमटिमाती रोशनी लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं।
यही सोच सोच कर सीखा है जीवन से 
की परिस्थितियां एक सी नहीं होती।
सदा दुःख नहीं मिलता, सदा सुख नहीं मिलता।
बस यही सोच कर ये लिखा, 
की हंसते मुस्कुराते रहो सदा।
जीवन के गीत गाते रहो सदा।
 सोचती हूं.............#collabwithme #collabchallenge
सोचती हूं क्या लिखूं, 
जीवन के हालात लिखूं या दिखावे की बात लिखूं।
 सोचती हूं क्या लिखूं,
जीवन की सच्चाई लिखूं या झूठ के पुलिंदे लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं,
सुख़ लिखूं या दुःख लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं,
जीवन के अंधेरे लिखूं या टिमटिमाती रोशनी लिखूं।
सोचती हूं क्या लिखूं।
यही सोच सोच कर सीखा है जीवन से 
की परिस्थितियां एक सी नहीं होती।
सदा दुःख नहीं मिलता, सदा सुख नहीं मिलता।
बस यही सोच कर ये लिखा, 
की हंसते मुस्कुराते रहो सदा।
जीवन के गीत गाते रहो सदा।
 सोचती हूं.............#collabwithme #collabchallenge