डरूँ जो ख़ौफ़ से तो हादसा कर दे, न हासिल इश्क़ तो ज़ात-ए-फ़ना कर दे; दिल-ओ-जाँ में कहाँ अब बसता है मौला, ख़ुदा तू हर धड़कती जाँ ख़ुदा कर दे; ज़माने लग गए ख़ुद की तलाशी में, ख़ुदा तू बस मुझे अब लापता कर दे...! . ©KumaR Kishan #रती