"इतनी मोहब्बत" तुम वफा लिख दो , मैं तुम्हें बेवफा लिख दूँगी । तुम नाम कर दो मेरा , मैं तुम्हें बदनाम कर दूँगी । तुम इश्क में दलील रोज करो मुझसे , मैं तुम्हें जलील कर दूँगी । तुम रोज़ाना मुझे अपनी शायरी में भर दो, मैं तुम्हें अपनी डायरी से अलग कर दूँगी । तुम शबनम,तुम ख़्वाहिश या माहताब लिख दो मुझे, और मैं तिरगी तुझमें बेहिसाब भर दूँगी । तुम ग़र अपनी गलतियों का एहसास भी लिख दो, तो भी मैं तुम्हें बर्बर और बदहवास कर दूँगी । मुझे नहीं पता था कि वो मुझसे "इतनी मोहब्बत" करती है...