अब उसकी यादों में नफरतों से जल रहा हूं जैसे बुझते हुए सूरज की तरह ढल रहा हूं भीड़ में दूर-दूर तक अपना कोई नहीं है मेरा में सुनसान सड़कों पर अकेला चल रहा हूं मैं अकेला हूं तेरे बिना... भूपेश