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अब उसकी यादों में नफरतों से जल रहा हूं जैसे बुझते

अब उसकी यादों में नफरतों से जल रहा हूं
जैसे बुझते हुए सूरज की तरह ढल रहा हूं
भीड़ में दूर-दूर तक अपना कोई नहीं है मेरा
में सुनसान सड़कों पर अकेला चल रहा हूं मैं अकेला हूं तेरे बिना... Khushi Srivastava Naina.roy subhu भूपेश pallavi srivastava
अब उसकी यादों में नफरतों से जल रहा हूं
जैसे बुझते हुए सूरज की तरह ढल रहा हूं
भीड़ में दूर-दूर तक अपना कोई नहीं है मेरा
में सुनसान सड़कों पर अकेला चल रहा हूं मैं अकेला हूं तेरे बिना... Khushi Srivastava Naina.roy subhu भूपेश pallavi srivastava