गुजर जाते हैं...खूबसूरत लम्हें.. यूँ ही मुसाफिरों की तरह... यादें वही खड़ी रह जाती हैं, रुके रास्तों की तरह.. एक "उम्र" के बाद उस "उम्र" की बातें "उम्र" भर याद आती हैं। वह "उम्र" फिर "उम्र" भर नही आता....😐 #anubhv #insaniyat