White मृगनयनी सी तेरी आंखे मुझको रोज बुलाती है, जब जब आऊं पास तेरे ये शर्म से झुक जाती है। तीखे नैन कटार से हृदय को भेद जाते है, मन के सारे भेद खोल ले जाते है। जब जब देखूं तेरे नैनो में , तुम्हे देखने की प्यास बढ़ाते है। मृगनयनी हो मेरे जीवन की, नहीं मुझको कोई भ्रम। अपने नैनों से हर वक्त घायल कर जाती है। मृगनयनी सी तेरी आंखे मुझ पर हार जाती है, तेरी चाहत में मैं ओर मेरी चाहत में तुम हम दोनों खो जाते है। अदिति जैन ©aditi the writer #आंखें Raman love's Raman आगाज़ @it's_ficklymoonlight