हमारी मुस्कुराहट पर ****************** अमूल्य तेरी मुस्कान प्रिय, आसानी से निसार हो जाएं, पक्षियों का आसरा मुकर्रर नहीं,जो हम आस बंधा दे, गुलिस्ता पर आए खिजां तो, वो गुबार किससे कहे, तेरी मुस्कान के लिया हम-नफ्स जान कुर्बान कर जाएं। ख्वाहिशें हलात होने दो, उल्फत को जवां होने दो, तड़प बढ़ जाए , तुम परवाज़- ए- जिंदगी भर दो, ख़्वाब पलकों पे सजे रहें ,तुम उल्फत का रंग भर दो, ज़ब्त हैं अरमा़ बंद दिलों की आवाज़ें, तो हवा दो ना, अकसर सुनाई देती, दिल के जज्बातों को बयां करो ना, पाकीज़ा एहसासों से रंग - ए - उल्फत को देख , पाकीज़ा रूह का लिबास औढै़ हो, नज़र हमारी से देख, जिंदगी जश्न है हर क़दम हमदम मान लो ना हमारी, रुहों को पाने का कभी पाक़ीज़ा एहसास करके तो देख। रचना-11 24.03.2021 #kkhkh2021 #colabwithकोराकागज़ #कोराकाग़ज़ #होलीकेहमजोली #होली2021 #विशेषप्रतियोगिता